श्रीराम मात्र एक ईश्वर का नाम नहीं
भारत की अभिन्न सांस्कृतिक विरासत है
एक धरोहर है, एक आदर्श व्याख्या है,
श्रीराम सनातन हिन्दू-वासियों की
एकता और अखण्डता का प्रतीक है
जन्म जन्मांतर से चली आ रही
परम्परा का चिर द्योतक है,
राम का नाम लेना ही मात्र पर्याप्त नहीं होगा
श्रीराम के आदर्शों पर भी चलना होगा
राम का नाम ले लेके
उनको हृदय से समझना भी होगा,
मर्यादा, उत्तम चरित्र और उत्तम विचार को ले के साथ
दुर्गुणों, झूठ-पाखण्ड, छल-कपट से दूर रहना होगा
अपने उत्तम चारित्रिक बल से
श्री राम के राम मार्ग का अनुसरण करना होगा l
#आशीष सिंघल ‘अक्स’