भोजपुरी भजन
खींचेलें राम जी बकइयाँ मनवा के लोभे,
पीछे ले लहुरा लखन भईया मनवा के लोभे।
कवना नगरिया में दूनो भइया जनमेलें,
कहवांँ ही बाजेला बधइया मनवा के लोभे।
अवध नगरिया में दूनो भइया जनमेलें,
जगवा में बाजेला बधइया मनवा के लोभे।
केई लुटावेलँ अनधन सोनवा,
के इनकर लेवेला बलइया मनवा के लोभे।
कौशिल्यापति लुटावेलँ अनधन सोनवा,
तीनो मइया लेवेली बलइया मनवा के लोभे।
खेलत- खेलत भैया चनरमा के माँगेल,
डरेलें फिर देखी परिछइयाँ मनवा के लोभे।
थपरी बजाई प्रभु कबो-कबो नाचेलँ,
बिहसेलें बाबा अऊरी मईया मनवा के लोभे।
खेलत- खेलत भईया दुअरा पर गईलें हो,
फुलवा बरसावेला नगरिया मनवा के लोभे।
ढोल, मजीरा, शहनाई संँघे बाजेला,
बाजेला कमर करधनिया मनवा के लोभे।
छप्पन भोग मईया लेई पीछे दऊरेली,
दऊरेली घरवाँ अँगनिया मनवा के लोभे।
केथुक पलना, केथुन लागल डोरी,
केई गावेला इनके लोरिया मनवा के लोभे।
सोने का पलना रेशम लागल डोरी,
लोरी गावेली तीनों मईया मनवा के लोभे।
साधना शाही, वाराणसी