युग पुरुष मर्यादा पुरुषोत्तम

श्री राम
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युग पुरुष मर्यादा पुरुषोत्तम कहलाते श्री राम ,
लक्ष्मी विष्णु अवतार ले आए , बन सियाराम ।
अधर्म नाश व धर्म संस्थापना को आए श्री राम ,
मानव मात्र के आदर्श स्थापित हुए सियाराम ।।

माता -पिता की वचन पालना करते श्री राम ,
भाइयों से असीम अनुराग रखते श्रीराम।
एक -पत्नि व्रत धारण करते श्री राम ,
ऋषि मुनियों की यज्ञ रक्षा करते श्री राम ।।

शिव धनुष -भंग करते श्री राम ,
स्वयंवर में सीता द्वारा वरे जाते श्री राम।
केकयी मां की आज्ञा अनुपालन करते श्री राम,
सिया लखन संग 14 वर्ष वनवास जाते श्रीराम।।

केवट की नाव से गंगा पार करते श्री राम ,
झूठे बेर शबरी के बड़े चाव से खाते श्री राम ।
गौतम पत्नी अहिल्या का उद्धार करते श्री राम ,
जटायु से सीताहरण का समाचार पाते श्री राम ।।

हनुमान को सीता की खोज में भेजते श्री राम ,
वानर दल-संग लंका पर चढ़ाई करते श्री राम ।
रावण समेत राक्षसों का नाश करते श्री राम ,
विभीषण को लंकेश बना अयोध्या लौटते श्री राम ।।

जानकी संग अयोध्या पर राज करते श्री राम ।
मानस लीला समाप्त कर निज लोक पधारते श्री राम ।।

शोभना हरगुनानी ” मुकेश “
कानपुर

यह मेरी स्वरचित कविता है ।