महाबली हनुमान
जय जय जय अंजनी कुमार,
जय जय जय वीर हनुमान l
जय जय जय पवन कुमार l1l
तुम हो राम के प्यारे,
तुम हो माता सीता के दुलारे l
अंजनी माँ के आँख के तारे l2l
मंगलऔर शनि का दिन प्रिय लगे,
लड्डूवन का भोग लगे l
छुटकी भर सिंदूर मन मोहे l3l,
सिया राम के काज सँवारे,
लक्ष्मण के लिए संजीवनी बुटी लाए l
माता सीता का पता लगाए l4l
रावन की सोने की लंका जलाये,
रावन का अभिमान तोड़े l
विभीषण को राम से मिलाए l5l
भूत पिचाश निकट नहीं आए,
महावीर नाम जब जो भी सुनावे l
हर संकट हनुमान टाले l6l
हाथ जोड़ करुँ मैं विनती,
बल बुद्धि विद्या दे महाबली l
शक्ति भक्ति सुमति दे बजरंग बली l7l
जय श्री राम…. जय हनुमान…
सविता मिश्रा
स्वरचित और मौलिक रचना
शिक्षिका, कवियित्री और समाज सेविका
वाराणसी उत्तर प्रदेश