गीत- जय जय राम, जय श्री राम
गीतकार:-छगनलाल मुथा-सान्डेराव
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जन जन में है हर्ष अपार,बनने लगा है श्रीराम का धाम,
सब मिल गाओ मंगल गान,जय जय राम,जय श्रीराम।
बरसो से जिसका था इन्तजार,वो मन्दिर बन रहा महान,
सारा जग आयेगा राम के गांव,जय जय राम, जय श्री राम।
अयोध्या की अब नई पहचान,दुनिया ढुंढे गुगल में नाम,
राम नाम का होगा जय जयकार,जय श्रीराम,जय श्रीराम।
कितनी सुन्दर मूर्ति मनभावन,,भ्राता लक्ष्मण संग सीता राम,
चरणों में जिनका स्थान,जय जय जय जय जय हनुमान।
नसीब अपना जो अपने जीवन में,बन रहा ये पुण्य धाम,
बरसों रहेंगी यादगार ये कायम,जय जय राम,जय श्रीराम।
तन मन धन करो राम के नाम,कल गर्व करेंगी भावी संतान,
सेवक मुथा का यही पैगाम, सब मिलकर बोलो जय श्रीराम।
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स्व रचित- कवि छगनलाल मुथा-सान्डेराव,
मुंबई