“श्री राम श्री राम “*
श्री राम,श्री राम रटते रहेंगे
सदा संकटों से भी,बचते रहेंगे।।
करेंगे हमेशा,तुम्हारी ही पूजा
तेरा नाम ले कर,सँवरते रहेंगे।।
जपेंगे इसी नाम की,हम तो माला
गुरू मंत्र है,हम निखरते रहेंगे।।
बनेंगे तुम्हारे ही,सेतु का पत्थर
तेरा नाम ले कर,ही तरते रहेंगे।।
है संसार गहरा, दुःखों का ही सागर
भँवर से हमेशा, निकलते रहेंगे।।
मिटाएँगे मन से,कलुष-तम, अँधेरा
सूरज के जैसे,चमकते रहेंगे।।
तुम्हें मन के मंदिर में, रख कर हमेशा
मुहब्बत का पैग़ाम, देते रहेंगे।।
हुआ है सबेरा,मेरी ज़िन्दगी में
सभी को जगाते, हँसाते रहेंगे।।
मिला जो है तुमसे, सभी कुछ है तेरा
‘उदार ‘ तुमको तेरा, लौटाते रहेंगे।।
डॉ० दुर्गा सिन्हा ‘ उदार ‘
सैन डिएगो,अमेरिका