आज सखी घर राम पधारे।

आज सखी घर राम पधारे।

नाच रहे नर नागर सारे।।

जीवन में खुशियाँ भर आई।

मंगलगान करें सब जाई।।

दृश्य मनोहर राम दुआरे।

आँसुन तै पग धोहहिं सारे।।

राम छुए हर एक निवासी।

आज हुए खुश हैं पुरवासी।।

 

मानव सिंह राणा ‘सुओम’