राम की महिमा है न्यारी,
राम नाम से कट जाती है।
भव विपदा सारी,
राम की महिमा है न्यारी।
दो अक्षर का नाम राम का,
उल्टा सीधा जप लो ।
संशय विहग स्वयं उड़ जाता ,
मन में निश्चय कर लो ।
दयासिंधु हैं कृपासिंधु हैं,
दीनन हितकारी
राम की महिमा है न्यारी।
जैसे सूर्य उदित होकर के,
सारा तम हर लेता।
सबका पथ आलोकित करता,
नई ऊर्जा देता।
राम नाम से मन मंदिर में,
फैले उजियारी।
राम की महिमा है न्यारी।
शापित गौतम की नारी को ,
नव जीवन दे डाला।
झूठे बेर प्रेम से खा,
शबरी का मान बढ़ाया।
निर्मल मन से जो कोई ध्याता,
होते बलिहारी।
राम की महिमा है न्यारी।
सुख वैभव से ऊपर उठकर,
मर्यादा को मानो।
पर दुख कातर बनो और,
फिर राम प्रभु को जानो।
दोनो लोक सुधर जाएंगे ,
संतन हितकारी।
राम की महिमा है न्यारी।
कुसुम सिंघल