राम राम तो किया बहुत है, राम मगर क्या बन पाए हो
चलते चलते थक जाते हो, राम के पथ क्या चल पाए हो
कंटक भरे हैँ पथ पर किन्तु,,, सहर्ष राम चल देते हैँ
राम ही तो हैँ, स्वयं ही जो बस ,श्री राम को बल देते हैँ
क्या सागर पर सेतु बन कर खड़ा हुआ उस काल सा होगा,
और क्या लंका सोने की होने पर भी रावण कंगाल सा होगा,
क्या सीता ने अग्नि परीक्षा, दी होगी शुद्धि अपनी सिद्ध करने को
और क्या सूपंखा की नाक कटी होगी लक्ष्मण समक्ष जिद करने को
अब तुम पूछोगे क्या औचित्य है ,इन प्रश्नों को पुनः करने का
क्या अब भी बचा है धरती पर संशय ,श्री राम प्रभु के होने का
तो मेरा उत्तर सुन लो तुम भी, सब कुछ सम्भव इस कलियुग मे है
श्री राम हुए या नहीं अभी, इस पर संशय भी तो कलियुग मे है
कैकई को बहाना बना कर पहुंचे थे वन मे श्री राम
अहिल्या उधार के खातिर पहुंचे थे वन मे श्री राम
पहुंचे थे वन मे क्योंकि वध बाली का भाई से करवाना था
और मार कर रावण को उस का भी वर पूरा करवाना था
हेमंत अग्रवाल