राम वो हैं
राम वो हैं, विषम को भी सम जो करें।
राम वो हैं, जगत का तम जो हरें ।
राम वो हैं, अहल्या का शाप हरे ।
राम वो हैं, जो पितृज्ञा जाप करे ।
राम वो हैं, जो ताज का त्याग करे ।
राम वो हैं, जो राज का त्याग करे ।
राम वो हैं, जो केवट की बात सुने ।
राम वो हैं, जो किष्किंधा रात चुने ।
राम वो हैं, जो शबरी के बेर चखे।
राम वो हैं, जो ममता की टेर रखे।
राम वो हैं, जो गुरुओं के चरण रहे ।
राम वो हैं, जो कंद मूल भरण करे ।
राम वो हैं, लखन में जान बसे ।
राम वो हैं, मां सुमित्रा का मान रखें।
राम वो हैं, जो कष्ट में धैर्य धरें।
राम वो हैं, जो पथ से कैर हरें ।
राम वो हैं, भरत सम भ्राता रखें।
राम वो हैं, जो हनुमंत त्राता रखें।
राम वो हैं, जो अरि क्षेत्र भक्त रखें ।
राम वो हैं, जो रण नियम सख्त रखें।
राम वो हैं, महावीर साथ रहें।
राम वो हैं, जय ध्वज हाथ रहें।
राम वो हैं, अधर्म का नाश करें।
राम वो हैं, जो आम को ख़ास करें।
चंद्रमणि मणिका
दिल्ली