राम भक्त हनुमान

राम भक्त हनुमान

राम भक्त हनुमान ने ,किया प्रभु का ध्यान ।
दरस दिए श्रीराम ने ,रखा भक्त का मान ।।

राम का भक्त बजरंगबली सा ,
कोई दूजा नहीं देखा भाला।
मुझे चरणों का सेवक बना लो,
केसरी अंजनी मां के लाला।।….)

राम वन से अवध लौटाए ,
मिलकर सिंहासन बिठाए ।
भक्त विभीषण भी खुशियां मनाएं ,
भेंट सीता को दी मणि की माला ।।
राम का भक्त …..
भेंट स्वीकार की जानकी ने,
उठ के हनुमत के गले में डाली ।
प्रभु जय हो हमारी न तेरी ,
भाव कह कर के मुख से निकाला।।
राम का भक्त ….
राम देखन को बजरंगबली ने,
मनका मोती सभी तोड़ डाले।
कोप कर के विभीषण यों बोले,
क्या पड़ा मूढ़ वानर से पाला।।
राम का भक्त…
राम तेरे ही अंदर कहां हैं ,
सुनके हनुमत ने प्रभु धुन लगाई।
‘निर्मल’ पावन सी झांकी करा दी ,
सबके आगे हृदय चीर डाला।।
राम का भक्त …

आचार्य मूलचन्द शर्मा ‘निर्मल’
19, प्रभु नगर , लाजपत नगर,
मथुरा ,उत्तर प्रदेश 281004
9548779110