राम नरोत्तम, राम नारायण, राम ही प्राणाधार है _
मेरा राम करे वैतरणी से पार है
प्रेम पुण्य का राम मर्म है,
पुण्य कर्म ही राम धर्म है,
राम आत्म सुख की परिभाषा,
राम ही जीवन की अभिलाषा,
राम तत्व का मूल बीज है, जीवन का आधार है _
मेरा राम करे वैतरणी से पार है…..
राम परम पावन अवतारी,
वेद पुराणों का अधिकारी,
जीवन का आदर्श राम है,
धैर्य दया आनंद राम है,
राम चेतना है मानव की, राम जगत का सार है,
मेरा राम करे वैतरणी से पार है……
जिज्ञासा नेतृत्व राम है,
परम्परा और शौर्य राम है,
राम अयोध्या राम रामायण,
राम उपासक परम पारायण,
रघुनंदन दुःखभंजन गोचर, जग का सृजनहार है
मेरा राम करे वैतरणी से पार है…..
अभिराम, अविराम राम है,
कर्त्तव्य, विश्वास राम है,
राम सफलता, सरल राम है,
जीवन का आयाम राम है,
करुणाकर, पालनकर्ता है, सृष्टि की पतवार है,
मेरा राम करे वैतरणी से पार है……
देवधरा भारत मेरे, तेरे रोम -रोम में राम रमें,
नारी में सीता माता और हृदय में श्री हनुमान बसें,
राम भजन हो हर मानस में, समय की यही पुकार है,
मेरा राम करे वैतरणी से पार है 🙏