राम नाम की सम्पदा

राम नाम की सम्पदा, बड़े भाग का खेल।
राम नाम जप ते भया, राम चरण में मेल।।

सोवत जागत नाम जप, सुलभ कृपा श्रीराम।
निश-दिन जापूँ नाम हरि, राम करें मम् काम।।

मैं मेरे राम का लाडला, रहूँ राम के धाम।
राम कृपा श्रीनाम् , रामहिं चरण प्रणाम।।

बिना नाम जप राम के, मन नहिं होत हुलास।
रामहिं पूरण देव हैं, रामहिं में विश्वास।।

अति भरोस मोहिं राम पे, ह्रदय लगइहैं मोहिं।
गोद बिठइहैं सुत समझ, चलिहैं काँधे ढोय।।

मेरी एक ही कामना, मरूँ राम की गोद।
रामहिं थाल में खाय के, करूँ मैं मोद प्रमोद।।

राम नाम की सम्पदा, बड़े भाग हरि दीन।
जनम-जनम के पाप को, छण माहीं हर लीन।।

मैं पापी, कपटी मतंग, लम्पट,चोर, जुआर।
राम कृपा ऐसी भयी, नाम जपूँ हरि द्वार।।

राम नगरिया में पड़ा, टेरूँ रामहिं नाम।
बैठूँ रामहिं गोद में, राम करें मोर काम।।

श्रीराम कृपा
डॉ आर के मतंग, भारत