रामनवमी
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शुभ अवसर है राम – जन्म का
आओ मिल – जुल ख़ुशी मनाएँ ,
अन्तर्मन के तम को मारें
धर्म – सत्य की ध्वजा उठाएं ।
नवरात्रि में शक्ति – पूजा
शीतल , ज्वाला , गौरी ,काली ,
चैत्र – मास की इस नवमी की
होती है शुभ छटा निराली ।
मर्यादा पुरुषोत्तम के पग पर
आओ हम सब शीश झुकाएँ ,
शुभ अवसर है राम – जन्म का
आओ मिल – जुल ख़ुशी मनाएँ ।
चाहे जितना ताकतवर हो
अभिमानी का सर झुकता है ,
जन – गण – मन हो जिसके संग
कभी न उसका पग रुकता है ।
मर्यादा का पालन करने से
न कभी भी घबराएं ।
शुभ अवसर है राम – जन्म का
आओ मिल – जुल ख़ुशी मनाएँ ।
अधर्म , असत्य सदा घातक है
ज्ञान , बुद्धि होती फल दायक ,
कर्म – क्षेत्र में बढ़ता पग
उन्नति – पथ का है परिचायक ।
राम तत्व “भावुक” जन – जन में
आओ फिर से उसे जगाएं ,
शुभ अवसर है राम – जन्म का
आओ मिल – जुल ख़ुशी मनाएँ ।
अवधेश तिवारी “भावुक”