भूमिपूजन पर श्री राम को समर्पित गीत

राम विराजे सिंहासन पर ,बरसों का तप हुआ फलित,
दर दर भटके तुम सदियों तक ,सरयू तट अब है गर्वित,

पुत्र कौशल्या आज्ञाकारी , सीता के मनमीत बने ,
लक्ष्मण ,भरत के भ्राता प्यारे ,हनुमान की जीत बने,
जन्मभूमि अब तेरी धरोहर, रोम – रोम है यह पुलकित..
दर दर भटके तुम सदियों तक ,सरयू तट अब है गर्वित,

बाबर की कुटिल नीति से , तंबू में  प्रवास रहा ,
न्याय मिलेगा एक दिन निश्चय ,भक्तों को विश्वास रहा ,
अपमानों सा घूँट बाबरी , मंदिर जैसे है अमृत ..
दर दर भटके तुम सदियों तक ,सरयू तट अब है गर्वित,

शुभ मुहूर्त में नींव रजत ,शिलालेख पर भव्य कहानी,
गर्वान्वित हिंदुत्व सनातन, धर्मध्वजा भगवाधारी  ,
सतरंगी किरणों में लिपटा ,श्रद्धा से मन है सिंचित..
दर दर भटके तुम सदियों तक ,सरयू तट अब है गर्वित,

जय श्री राम का नारा गूंजे ,दीप जलेंगे गली गली ,
कोठारी, सिंघल ,आडवाणी ,रथयात्रा भी खूब फली,
मोदी , योगी की जोड़ी भी , हिंदी के संग ज्यूँ संस्कृत ..
दर दर भटके तुम सदियों तक ,आज अयोध्या है गर्वित,

राम विराजे सिंहासन पर ,बरसों का तप हुआ फलित,
दर दर भटके तुम सदियों तक ,सरयू तट अब है गर्वित,

नेहा नाहटा